India and china deal related to ac compressor increasing import.

देश में आने वाले समय में पड़ने वाली गर्मी से निपटने के लिए सरकार ऐसी चीनी कंपनियों को छूट देने पर विचार कर रही है, जो कि एसी या फिर एसी के कंप्रेसर बनाती हैं. सरकार का मकसद एसी की मांगों को पूरा करना है साथ ही देश को इन जरूरी चीजों के लिए आत्मनिर्भर बनाने का भी सरकार का लक्ष्य है. हालांकि, भारतीय बढ़ती डिमांड को चीनी कंपनियों की ओर से पूरा किया जा सकेगा यह देखने वाली बात होगी. क्योंकि देश की घरेलू कंपनियों का प्रोडक्शन मांग के हिसाब से कम है.

इस साल भीषण गर्मी के पूर्वानुमानों के साथ, 2024 में रिकॉर्ड तापमान को जोड़ते हुए, सरकार ने एसी और रेफ्रिजरेटर निर्माताओं को और अधिक कंप्रेसर निर्माण कारखाने बनाने के लिए कहा है. इसके लिए सरकार ने इंडियन स्टैंडर्ड ब्यूरो सर्टिफिकेशन को अनिवार्य करने में भी ढील देने का फैसला किया है. सरकार का मकसद साफ है कि किसी भी तरह से डिमांड को पूरा किया जा सके.

बिजनेस के नियम हुए आसान

इंपोर्ट को बढ़ाने और देश की डिमांड को पूरा करने के लिए सरकार ने चीन के साथ-साथ कई देशों से कंप्रेसर इंपोर्ट करने के लिए बने बीआईएस के नियमों को एक साल के लिए आसान बनाया है. अधिकारियों ने कहा कि केंद्र ने उद्योग से चीनी फर्मों के साथ साझेदारी सहित निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा है, क्योंकि वह देश को कंप्रेसर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना चाहता है.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार सरकार व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) योजना पर फिर से विचार कर रही है क्योंकि उनके लिए कुछ बजट उपलब्ध है. कंप्रेसर की कमी है और इस पर विचार किया जा रहा है. व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई को कंप्रेसर निर्माण जैसे उच्च मूल्य वाले निवेशों को अधिक प्रोत्साहन के साथ संबोधित करने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसी सुविधा स्थापित करने के लिए ₹250-400 करोड़ के निवेश की आवश्यकता होगी.

चीन सबसे बड़ा इंपोर्टर देश

भारत में अभी सबसे ज्यादा एसी और रेफ्रिजरेटर कंप्रेसर का इंपोर्ट चीन से होता है. इसलिए देश की घरेलू कंपनियों ने सरकार से चीन पर 3 साल तक आयात पर छूट देने की अपील की थी. साल 2023 में एसी बनाने वाली कंपनी वोल्टास को एसी कंप्रेसर निर्माण योजना को रद्द करना पड़ा क्योंकि चीन के हाइली ग्रुप के साथ उसके ज्वाइंट वेंचर प्रस्ताव को सरकार से प्रेस नोट 3 की मंजूरी नहीं मिली थी.

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